याद रखेगा ज़माना
याद रखेगा ज़माना (ग़ज़ल)
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तुझे याद रखेगा ज़माना,
सदा साथ चलेगा ज़माना।
सुनो मौन जरा जो बताये,
कभी बात सुनेगा ज़माना।
रुको मत न कहीं पांव ठहरे,
चलो राह मिलेगा ज़माना।
किया काम सदा काम आया,
कभी मान करेगा ज़माना।
हुआ दर – बदर यार सीरत,
कहीं डूब मरेगा ज़माना।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)