Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jul 2019 · 1 min read

याद का सहारा

कभी उससे मिलना नहीं होता
मगर कोई शिकवा नहीं होता
उसकी याद का यह सहारा है
किसी पल मैं तन्हा नहीं होता

Language: Hindi
3 Likes · 427 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
यहाँ श्रीराम लक्ष्मण को, कभी दशरथ खिलाते थे।
यहाँ श्रीराम लक्ष्मण को, कभी दशरथ खिलाते थे।
जगदीश शर्मा सहज
जीवन यात्रा
जीवन यात्रा
विजय कुमार अग्रवाल
समझ
समझ
अखिलेश 'अखिल'
!! एक ख्याल !!
!! एक ख्याल !!
Swara Kumari arya
.
.
*प्रणय प्रभात*
सोचते होंगे तुम
सोचते होंगे तुम
Dheerja Sharma
टूटे तारों से कुछ मांगों या ना मांगों,
टूटे तारों से कुछ मांगों या ना मांगों,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
राजस्थानी भाषा में
राजस्थानी भाषा में
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
इश्क पहली दफा
इश्क पहली दफा
साहित्य गौरव
पलटूराम में भी राम है
पलटूराम में भी राम है
Sanjay ' शून्य'
भाग्य - कर्म
भाग्य - कर्म
Buddha Prakash
किताब में किसी खुशबू सा मुझे रख लेना
किताब में किसी खुशबू सा मुझे रख लेना
Shweta Soni
हमने एक बात सीखी है...... कि साहित्य को समान्य लोगों के बीच
हमने एक बात सीखी है...... कि साहित्य को समान्य लोगों के बीच
DrLakshman Jha Parimal
*
*"सीता जी का अवतार"*
Shashi kala vyas
"फ़ानी दुनिया"
Dr. Kishan tandon kranti
दिल की गलियों में कभी खास हुआ करते थे।
दिल की गलियों में कभी खास हुआ करते थे।
Phool gufran
किसी पत्थर की मूरत से आप प्यार करें, यह वाजिब है, मगर, किसी
किसी पत्थर की मूरत से आप प्यार करें, यह वाजिब है, मगर, किसी
Dr MusafiR BaithA
23/60.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/60.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जाने कितने चढ़ गए, फाँसी माँ के लाल ।
जाने कितने चढ़ गए, फाँसी माँ के लाल ।
sushil sarna
*न्याय-देवता के आसन पर, बैठा जो यदि अन्यायी है (राधेश्यामी छ
*न्याय-देवता के आसन पर, बैठा जो यदि अन्यायी है (राधेश्यामी छ
Ravi Prakash
बोट डालणा फरज निभाणा -अरविंद भारद्वाज
बोट डालणा फरज निभाणा -अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
आज की नारी
आज की नारी
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
चरित्र अगर कपड़ों से तय होता,
चरित्र अगर कपड़ों से तय होता,
Sandeep Kumar
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
Harminder Kaur
विजया दशमी की हार्दिक बधाई शुभकामनाएं 🎉🙏
विजया दशमी की हार्दिक बधाई शुभकामनाएं 🎉🙏
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मौज  कर हर रोज कर
मौज कर हर रोज कर
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
8. टूटा आईना
8. टूटा आईना
Rajeev Dutta
स्वरचित कविता..✍️
स्वरचित कविता..✍️
Shubham Pandey (S P)
उदास धड़कन
उदास धड़कन
singh kunwar sarvendra vikram
कई बार हमें वही लोग पसंद आते है,
कई बार हमें वही लोग पसंद आते है,
Ravi Betulwala
Loading...