याद करत तुम्हे दोइ बिरियां,
याद करत तुम्हे दोइ बिरियां,
आ जाइयो सांझ साकार मोरे लाल
माखन मिश्री दूध जो दहिया ,
सब खा जाइयो मोरे नंदलाल
प्राणों से प्यारे तुम आंखों के तारे ,
यशोदा के राज दुलारे मोरे लाल
तन मन धन सब समर्पण ,
तुमसे ही सोलह सिंगार मोरे लाल
प्रेम करत तुमसे नंद लाला,
आ जाइयो आज मोरे करतार
हमरी खबरिया भूल ने जइयो,
कृष्ण कन्हैया मोरे नंद लाल
तुमसे हमारी जे सांस चलत है
तुम ही हो प्राण आधार मोरे लाल
प्रेम करत तुमसे नंद लाला,
आ जाइयो आज मोरे करतार
कृष्णकांत गुर्जर