याद-ए- शहादत
एक दीप शहीदों के नाम
पार किये जिन्होंने मुश्किलें तमाम
खा ली गोलियां सीने पर जिन्होंने
लेकिन उफ़ तक न की उन्होंने।
होता नहीं जिनका जीवन आसान
आते हैं जिनके मार्ग मे अनेक पाषाण
किंतु होते हैं नहीं जो विचलित कभी
जो खोते हैं नहीं अपना धैर्य कभी
पानी में भी लिख देते हैं जो भारत का नाम
एक दीप शहीदों के नाम।
लड़ते रहे जो आखरी सांस तक
आया जब वतन पर मिटने का दौर
किया नहीं पग पीछे की ओर
हँसते हुए दे दिये वे अपना बलिदान
एक दीप शहीदों के नाम।
उन शहीदों के शहादत को
है मेरा सलाम एवं विनम्र प्रणाम
मातृभूमि की रक्षा हेतु जिन्होंने
कर गए न्योछावर अपने प्राण
एक दीप शहीदों के नाम।
उन वीर शहादत की यादों में
नम हो जाते हैं हमारे लोचन
बहा दिये जो लहू का एक- एक कण
जाते जाते दे गए जो वीर सपूत होने का प्रमाण
आज की शाम उन शहीदों के नाम
एक दीप शहीदों के नाम।