याद इक किस्सा पुराना आ गया
याद इक किस्सा पुराना आ गया।
सामने बीता ज़माना आ गया।
अब न कोई देख उनको पाएगा
आँसुओं को मनाना आ गया।
जीतने का था हुनर उसको पता
यूं उसे हमको सताना आ गया।
क्यों समझ पाया न दिल की बात यह
अब समय संग बस भुलाना आ गया।
ज़ख्म हैं गहरे बहुत ही यह अभी
हौंसलों से खुद सजाना आ गया।।।
कामनी गुप्ता ***