याद आता है
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जब जब मैं रूठता हूँ, ये शहर भी रूठ जाता है,
मनाता था जो मुझे, मेरा वो गांव याद आता है,
वो यार भी कहाँ जो गम में, साथ बैठकर रोये,
बस मतलब का सबमें, प्यार नज़र आता है,
वो पुरानी बातें, पुराने यार अब कहाँ मिलेंगें,
मुझे बीता वो वक़्त, अक्सर याद आता है,
मनाता था जो मुझे, मेरा वो गांव याद आता है।
~~© ऋषि सिंह “गूंज”