यादों में लौटता
न यह मन कचोटता है ।
न यह दिल ममोसता है ।
चलता था जो उजालों सँग ,
साँझ सँग वो जीवन लौटता है ।
क्या पाया क्या खोया ,
हाथ नही अब कुछ ।
जीवन सँग यादों के ,
बस यादों में लौटता है ।
….. विवेक दुबे”निश्चल”।।।
न यह मन कचोटता है ।
न यह दिल ममोसता है ।
चलता था जो उजालों सँग ,
साँझ सँग वो जीवन लौटता है ।
क्या पाया क्या खोया ,
हाथ नही अब कुछ ।
जीवन सँग यादों के ,
बस यादों में लौटता है ।
….. विवेक दुबे”निश्चल”।।।