यादों में तुम
महकते उपवन,
उपवन में मैं,
और मुझ में तुम।
पहली बारिश,
बारिश में में मिट्टी
की सोंधी खुशबू,
खुशबू में तुम।
बड़ी झील, वीआईपी रोड का
किनारा साथ में तुम।
सर्द रातें, लेट नाइट घूमना,
गरम जैकेट, जेब में हाथ डाले
हुए तुम।
चाय की चुस्की ,
चुस्की के साथ बातें,
कुल्हड़ साझा करते हुए तुम।
बेमतलब की बातों पर झगड़ा,
झगड़े में रूठना ,
रूठने पर मानते हुए तुम।
दूर का शहर , शहर में यादें,
यादों में तुम ।
Ajeet malviya “Lalit”
malviyaajeet3342@gmail.com