यादों के सहारे
एक दिन और गुजर गया
तुम सबकी यादों के सहारे!
.
दृढ़ता भी है संकल्प भी है
संजोये जो ख्वाब है पापा तुम्हारे!
.
जाना है दूर तलक अभी
बाकी है जीवन में मम्मी के वारे-न्यारे!
.
हौसला भी है आतुरता भी है
पूरे हो जाए हर हाल में सपने तुम्हारे!
.
चेहरे का दूर होना दूरी नहीं
दिल में साथ है हमेशा पापा तुम्हारे!
.
पलकों पर न लाना कभी नमी
पूरे होते ख्व़ाब हैं हम पापा तुम्हारे!
.
शालिनी साहू
ऊँचाहार, रायबरेली(उ0प्र0)