यादों के बादल
यादों के बादल छाये हर जगह,जीवन की रूह बन जाते हैं,
हंसी-खुशी के रंग उड़ाते,मन को खुशियों से भर जाते हैं….
गुजरे लम्हों की मीठी यादें,दिल को छू जाती हैं ये बादल
जब भी याद आते हैं वो पल,मुस्कान बिखर जाती हैं लब पर……..
बचपन की छोटी-सी मस्ती,याद आती हैं वो बारिश की बूंदें,
घर की छत पर उड़ान भरते,दौड़ते थे हम खेलने को गुल्ली डंडे……
यादों के बादल बह जाते हैं,कहीं अन्य किनारे छोड़ जाते हैं,
जब भी जीवन की तूफानों में,खोई हो राह, ये संग देते हैं….
यादों के बादल हर रोज आते हैं,मन को भर जाते हैं खुशियों से,
दुख की घड़ियों को भी भुला कर,देते हैं जीवन को नई उमंगों से….
इन यादों के बादलों के साथ,चलता हूँ मैं जीवन की यात्रा,
हर लम्हे को गले से लगाकर,सुनहरी बातें बना लेता हूँ सदा…….
द्वारा:- विशाल बाबू”लेखक” औरैया, उत्तरप्रदेश।
[सोशल वर्कर,मोटिवेटर & लेखक ]