यादों के जंगलों में, खतरा ही खतरा l
यादों के जंगलों में, खतरा ही खतरा l
खूंखार खूंखार वक्त, बिखरा बिखरा ll
प्यास, मधुर मस्त यादें, बस कुछ पल सुख दें l
विरह दुखों से मुखड़ा, रहे उतरा उतरा ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
यादों के जंगलों में, खतरा ही खतरा l
खूंखार खूंखार वक्त, बिखरा बिखरा ll
प्यास, मधुर मस्त यादें, बस कुछ पल सुख दें l
विरह दुखों से मुखड़ा, रहे उतरा उतरा ll
अरविन्द व्यास “प्यास”