यादों का सफ़र।
यादों का सफ़र
यादों का तेरी इस कदर छाया उन्माद है,
वो मीठी स्मृतियां आज फिर बन गयी संवाद है।
आलोकित मधुर बसंत सी पिया हैं तेरी यादें,
जब हम दोनों ने इक दूजे से किए प्रेम के वादे।
इन यादों से आज फिर पुलकित हुआ है मन
मन तेरी याद में डूबा,सजल हो गए नयन।
व्याकुल विहृल मन हो रहा पल पल,
सामने तुम आजाओ तो खिल जाएगा मधुवन।
नीलम शर्मा