यादों का सफर
सजदे तेरे प्यार के मैंने जो थे किये
उनको दुहरा रहा नैना अश्क लिये
बस एक तेरी आरज़ू इस दिल में रही
तू मिल जा तो जमाने के दर्द सही
दिन क्यों भूल गई वो मेरे इजहार के
अनोखी कहानी के अनोखे इकरार के
हर दर माथा टेकने खुदा के घर जाऊंगा
तेरे मेरे किस्से और फरियाद सुनाऊंगा
बेकसूर था में फिर भी उसने सताया
बेवफा दिया नाम बेवजह रुलाया
साबित करने खुद को तेरा सामना करना पड़ेगा
मत पूछ जालिमा कितना दर्द सहना पड़ेगा
मुलाकातों की बातें वो मुहब्बत की लहर
टूट जाने दे अधूरी यादों का सफर
मौत पर हमारी सारा जमाना यही कहेगा
यह बंदा हर आशिक दिल में जिंदा रहेगा