यादे….
यादे….
सच कहते हैं सब
जाने वाले
लौट के आते हैं कब
आती है तो उनकी यादें।
यादें भी इतनी सारी
के यादें सही न जाए
आए और बेचैन कर जाए।
कोई मुझे उनका पता दे
ख्वाबों में मुझसे उन्हें मिला दे
बस एक बार
पूछने का मौका तो दे।
बस उस वक्त कि
वह मुझे तड़प सुना दे
बेचैन रहती हूँ मैं हर पल
बस यही सोचकर हर दम
की आखिरी सांस में उन्होंने हमें
पुकारा तो नहीं था।
अगर हां !
तो एक मुलाकात करा दे
अब जिया नहीं जाता
यादों के सहारे
यादों में ही सही ऐ खुदा !
उनसे मेरी बात करा दे।
हरमिंदर कौर
अमरोहा, यूपी
मौलिक रचना