#यादें_बचपन_की।
#यादें_बचपन_की।
■ सबसे पहला स्कूल।
【प्रणय प्रभात】
दादी की गोद, सुरक्षा की गारंटी। गुरु जी के कोप से। वरना पापा-मम्मी तो टीचर (ट्यूटर) जी को बोल ही चुके थे कि- “चमड़ी-चमड़ी आपकी, हड्डी-हड्डी हमारी। यही तो था पहले का उसूल।”
#यादें_बचपन_की।
■ सबसे पहला स्कूल।
【प्रणय प्रभात】
दादी की गोद, सुरक्षा की गारंटी। गुरु जी के कोप से। वरना पापा-मम्मी तो टीचर (ट्यूटर) जी को बोल ही चुके थे कि- “चमड़ी-चमड़ी आपकी, हड्डी-हड्डी हमारी। यही तो था पहले का उसूल।”