यादें
यादों के सिलसिले चलते रहें यूं ही।
वो हमें याद करें हम उन्हे याद करें यूं ही।।
मुद्दत से तेरी तस्वीर सजाई है दिल में।
चांद तारों तलक मरासिम रहे यूं ही।।
मेरे हर ख्वाब की ताबीर हो तुम।
ना हो कोई शिकवा वसर हो जिंदगी यूं ही।।
चाहने वाले तो बुत भी पूजते हैं।
मेरी चाहत ये आशिकी चलती रहे यूं ही।
नीद में भी तेरा तसब्बुर रहे मुझको।
तेरे लबों पे तरन्नुम रहे यूं ही।
तेरे आगोश में ये जिंदगी बसर हो।
मेरी हर सांस पर तेरी रज़ा रहे यूं ही।।
उमेश मेहरा (शिक्षक)
गाडरवारा (M,P,)