यादें
यादें
जो मन को हरदम
कुछ सुनहरी बातों का एहसास दिलाती।
जब भी आती
मन ही मन रुला कर या हंसा कर जाती।
जैसी भी आती
भूली बिसरी यादों को ताजा कर जाती।
कुछ दूर हुए
अपनों को करीब ले आती।
यादें
हर पल सुनहरे एहसास दिलाती।
डॉ माधवी मिश्रा “शुचि”