यादें
विषय – खट्टी मीठी यादें
कुछ खट्टे मीठे जीवन के मेरे बिताए पल ।
बताते हैं मुझे कि कितना गया मैं बदल ।।
जब भी मैं यादों के झरने में जाता हूँ ।
अपनी आँखों को मैं भींगा हुआ पाता हूँ ।।
वो भींग जाती हैं मुझे मेरा अंतर बताती हैं ।
कभी सुनहरे पल जो याद आते हैं ,
हम अपने आपको बस सान्तावना दे पाते हैं ।।
पर कभी जो संघर्षमय पल याद आते हैं ।
हम अपने आप को धीरज बँधाते हैं ।।
यादों की याद आ जाने पर जाने क्या मंतर हो जाता है ।
सारा दुख दर्द छूमंतर हो जाता है ।।
बस वैराग्य की सी भावना कुछ पल के लिए जन्म ले लेती है ।
शायद उतने ही पल में वो भावना जीवन का सार समझा देती हैं ।।
कभी बचपन की यादें जैसे –
विद्यालय में पढ़ना , दोस्तों के साथ मस्ती ।
लगता था जल्दी से हम बन जाएँ बढ़ी हस्ती ।।
यादें तो बहुत होती हैं और जब याद आती है ,
इस दिल को झकझोर जाती है ।।
खट्टी, मीठी, सुनहरी यादों के तो बहुत प्रकार हैं ।
यादों पर ही टिका दिल, यादें दिल पे सवार हैं ।।
– नवीन कुमार जैन