4.यादें प्रियतम की “रसराजसौरभम्”
तुम कविता बन गई राधा काव्य बना तेरा प्यार
तुम ठहरी नव सरिता मैं अविरल सागर की धार
तुम हर पल हर दम ही जीती मैं क्यूं हारा हर बार
तुम कविता बन गई राधा काव्य बना तेरा प्यार
1 वो यादें वो फरियादें अनुपम प्रीत का तेरे अफसाना मधुबन में मिलना नित रोना औे अंक में भर के बिछड़ जाना
तुम हुई दूज की चंद्रिका तेरा प्रियतम है मझधार
तू कविता बन गई राधा काव्य बना तेरा प्यार
आशीष अविरल चतुर्वेदी
प्रयागराज
प्रकाशनाधीन
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