यादें पुरानी दे गया
वो गया लेकिन मुझे दुखती कहानी दे गया
दर्द सीने में कभी आँखों में पानी दे गया
चाहकर भी मैं उसे ना भूल पाऊँगा कभी
दिल को मेरे, प्यार की ऐसी निशानी दे गया
कौन गुजरा है अभी सूनी सड़क से दोस्तों
जो मुहब्बत से भरी यादें पुरानी दे गया
क्यूँ भला जो दिन में अक्सर चोट देता था वही
रात को सपने में आकर रातरानी दे गया
ख़त नहीं था, था सनम के प्यार का पैग़ाम वो
टूटती साँसों को जो फिर से जवानी दे गया
हाय तन्हा कर गया अब है अधूरी साँस भी
दर्द में डूबी हुई वो ज़िंदगानी दे गया
खो गयीं ‘आकाश’ नींदें, खो गया है चैन भी
वो समझता है मुझे रातें सुहानी दे गया
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 15/08/2021