यात्रा
आज हरियाणा परिवहन की बस में पीछे वाली खिडकी से चढना हुआ,
मुझ से आगे एक मोटी स्त्री सवार हुई,
दो सवारी पहले खडी थी, प्रवेश द्वार के पास.
वह आगे की ओर जाना चाह रही थी,
पर व्यवधान बतौर नहीं जा सकी.
मैंने खडे युवकों से आग्रह किया,
वह आगे चली गई, मैं खडे रहा,
सबसे पीछे की सीट जिसे हम गाना बजाने वालों की सीट कहते है,
उस पर कुछ युवक बैठे थे.
शायद किसी परीक्षा के लिए जा रहे थे,
उनकी भाषा के अलंकार गालियां ही गालियां सहायक क्रिया के रुप में *देश के भविष्य को निर्धारित कर
वाकिया बयां कर रहे थे,
मैं चुप रहा,
मैंने आगे जाने का फैसला किया,
और मैं आगे बढ़ गया,
आगे की सीटों पर इका दुक्का महिलाएं बैठी हुई थी,
उन्होंने पीछे से कहा.
ताऊ देख लो आज ती भी शौकीन सै.
मतलब
उनके अनुसार मैं इसलिये आगे बढ़ा
क्योंकि महिलाएं, आगे की सीटों पर बैठी हुई थी.
जयहिंद ?? जय भारत
जय ?? अर्जक