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2 Jun 2023 · 1 min read

यात्रा परिवर्तन की…

पीड़ा परखती
कौन अपना कौन पराया
वेदना से उल्लास
अधैर्य से धैर्य
चातुर्य से माधुर्य
निज-भाव से उदार-भाव की
अदला-बदली
रिश्तों में पहल है
परिवर्तन की।

केवल यात्रा नहीं
जीवन के
राग-अनुराग
है अनुभूति
अनुभव के बादल
बरसकर बताते रहे
शैशव से वृद्धावस्था तक
हुए परिवर्तन।

है अहसास
वे शब्द
जो मौन ही घुट ग‌ए
मगर
छलकी जब संवेदनाएँ
अक्षर-कलश से
बूँद-बूँद
बनते गए शब्द और
कविता का मधु निर्झर
कोमल नाद संग
झरने लगा
शब्दों से अहसास
के परिवर्तन की
है ये यात्रा अनंत….
अविरल नित्य धारा-प्रवाह……

संतोष सोनी “तोषी”
जोधपुर ( राज.)

1 Like · 287 Views
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