यातना
रोकना है रोक ले,भोगना है भोग लें,
सफर जिंदगी के,है तेरे हाथ में अब.
भोग चाहे, रोक ले, हंस हंस मौज ले.
दो दिन खेला, भले रो रोकर गुजार दें
डॉक्टर महेन्द्र सिंह हंस
रोकना है रोक ले,भोगना है भोग लें,
सफर जिंदगी के,है तेरे हाथ में अब.
भोग चाहे, रोक ले, हंस हंस मौज ले.
दो दिन खेला, भले रो रोकर गुजार दें
डॉक्टर महेन्द्र सिंह हंस