यह है नरसिंहगढ़ हमारा
कहलाता मालवा का कश्मीर,
पर्वताे पहाड़ाे के बीच बसा शहर,
यह है नरसिंहगढ़ हमारा,
बारिस में रहता सदा हरा,
राजवंशाे की है यह धरा,
जलमंदिर का है अद्भुत नजारा,
महादेव बसे है हर पहाड़,हर पत्थर,
इतिहास काे समेटे है यहाँ का हर कंकर,
वर्ष में लगते दाे यहां मेले,
साम्प्रदायिकता के भी हाेते यहां झमेले,
सावन मे लगते झूले,
जिनकाे कभी न हम भूले,
दीवान परसराम है इसके स्थापक,
शहर हमारा बड़ा ही है मनमाेहक,
।।।जेपीएल।।।