Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Mar 2017 · 1 min read

यह हिन्दुस्तान हैं बेटा

नदी किनारे बैठा,
खीचता मिटाता रकील।
निराशा से भरा मन,
बैचेनी का बन प्रतीक।
सहसा किसी ने टोका,
क्या सोच रहे हो नव जवान।
वैसक है कोई उलझन,
समस्या से हो परेशान
सर उठाकर देखा,
थे कोई साधु अनजान।
परीक्षा में फेल हो गया मैं,
टूट गये सारे अरमान।
नहीं नहीं सम्हल अभी,
तू तो बजीर बनेगा।
यह हिन्दुस्तान है बेटा,
अनपढ़ भी चलेगा।
क्षेत्र राजनीति का देखो,
सब के लिये खुला.है।
यहाँ योग्यता पढा़ई नहीं,
वाचालता की ज्यादा है।
अच्छे बुरे का छोड ख्याल,
विरोधि तेवर अपनाना है।
कोई नहीं अपना पराया,
सिर्फ मीडिया का ध्यान रखना है।
बाबा की समझकर,
मन प्रसन्न हो मुस्कराया।
फेल होने का सारा दोष,
परीक्षा प्रबन्धन पर लगाया।
जुड़ने लगे सभी हम दम साथी,
सुर्खियों मे स्थान पाया।
मशहूर हो गया सारे नगर में,
भैयाजी जैसा उपनाम पाया।
फेल होने का गम दूर हुआ,
राजनीत में सिपर सलार हूँ।
जिंन्हें मिले थे अच्छे नम्बर,
उनसा नहीं मुहताज हूँ।

Language: Hindi
424 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rajesh Kumar Kaurav
View all
You may also like:
प्यासा पानी जानता,.
प्यासा पानी जानता,.
Vijay kumar Pandey
आई होली
आई होली
Kavita Chouhan
रूठकर के खुदसे
रूठकर के खुदसे
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
* पानी केरा बुदबुदा *
* पानी केरा बुदबुदा *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हंसते ज़ख्म
हंसते ज़ख्म
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
नया सपना
नया सपना
Kanchan Khanna
???????
???????
शेखर सिंह
◆आज की बात◆
◆आज की बात◆
*Author प्रणय प्रभात*
मित्रता तुम्हारी हमें ,
मित्रता तुम्हारी हमें ,
Yogendra Chaturwedi
दादी दादा का प्रेम किसी भी बच्चे को जड़ से जोड़े  रखता है या
दादी दादा का प्रेम किसी भी बच्चे को जड़ से जोड़े रखता है या
Utkarsh Dubey “Kokil”
पढ़ते है एहसासों को लफ्जो की जुबानी...
पढ़ते है एहसासों को लफ्जो की जुबानी...
पूर्वार्थ
अगर लोग आपको rude समझते हैं तो समझने दें
अगर लोग आपको rude समझते हैं तो समझने दें
ruby kumari
मुस्कुराते रहे
मुस्कुराते रहे
Dr. Sunita Singh
संत साईं बाबा
संत साईं बाबा
Pravesh Shinde
हिन्दी ग़ज़ल के कथ्य का सत्य +रमेशराज
हिन्दी ग़ज़ल के कथ्य का सत्य +रमेशराज
कवि रमेशराज
गीत
गीत
प्रीतम श्रावस्तवी
खवाब है तेरे तु उनको सजालें
खवाब है तेरे तु उनको सजालें
Swami Ganganiya
3132.*पूर्णिका*
3132.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भोग कामना - अंतहीन एषणा
भोग कामना - अंतहीन एषणा
Atul "Krishn"
आम पर बौरें लगते ही उसकी महक से खींची चली आकर कोयले मीठे स्व
आम पर बौरें लगते ही उसकी महक से खींची चली आकर कोयले मीठे स्व
Rj Anand Prajapati
आम्बेडकर ने पहली बार
आम्बेडकर ने पहली बार
Dr MusafiR BaithA
हज़ारों रंग बदलो तुम
हज़ारों रंग बदलो तुम
shabina. Naaz
एक रूपक ज़िन्दगी का,
एक रूपक ज़िन्दगी का,
Radha shukla
श्राद्ध ही रिश्तें, सिच रहा
श्राद्ध ही रिश्तें, सिच रहा
Anil chobisa
हम समुंदर का है तेज, वह झरनों का निर्मल स्वर है
हम समुंदर का है तेज, वह झरनों का निर्मल स्वर है
Shubham Pandey (S P)
Sometimes words are not as desperate as feelings.
Sometimes words are not as desperate as feelings.
Sakshi Tripathi
वादे खिलाफी भी कर,
वादे खिलाफी भी कर,
Mahender Singh
☄️💤 यादें 💤☄️
☄️💤 यादें 💤☄️
Dr Manju Saini
उठाना होगा यमुना के उद्धार का बीड़ा
उठाना होगा यमुना के उद्धार का बीड़ा
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
धन से कब होता जुड़ा ,खुशियों भरा स्वभाव(कुंडलिया)
धन से कब होता जुड़ा ,खुशियों भरा स्वभाव(कुंडलिया)
Ravi Prakash
Loading...