यह सोचा न था कभी ……
ये ना सोचा था कभी मगर हो गया ,
करोना से अपना भी सामना हो गया ।
इतने तो फूंक फूंक के कदम उठाए,
मगर फिर भी उससे टकरा हम गए ।
ना जाने कब कैसे और कहां से आया !
हाय !! क्यों जिंदगी में दाखिल हुआ ।
उससे नजरें मिली और तबियत बिगड़ी ,
ऐसी मार पड़ी उस जालिम की तगड़ी ।
पहले सर्दी जुखाम फिर बुखार हो गया,
उस पर सरदर्द से सर चकरा सा गया।
तुरंत लक्षण पहचानकर इलाज शुरू किया,
टेस्ट करवाया तो मुआ करोना निकल गया ।
दवाइयां बेशुमार और काढ़ा बहुत पिया,
खूब पानी के साथ नारियल पानी पिया ।
सादा भोजन और साथ में प्राणायाम किया ,
मन को भी सकारात्मक विचारों से भर लिया।
ना पूछो ! हमने इससे जान छुड़ाने के लिए ,
क्या क्या न किया इसे दफा करने के लिए।
और आखिर भगवान को तरस आ ही गया,
यह मरदूद करोना हमारी जिंदगी से चला गया ।
मगर चौकन्ने हम अब भी रहते है हमेशा,
करोना के नियमो का पालन करते है हमेशा।
हमारे प्यारे दोस्तों ! सुनो हमारा यह पैगाम ।
इस दुश्मन को हिम्मत से मात दे सकते है हम ।