Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 May 2021 · 1 min read

यह सोचा न था कभी ……

ये ना सोचा था कभी मगर हो गया ,
करोना से अपना भी सामना हो गया ।

इतने तो फूंक फूंक के कदम उठाए,
मगर फिर भी उससे टकरा हम गए ।

ना जाने कब कैसे और कहां से आया !
हाय !! क्यों जिंदगी में दाखिल हुआ ।

उससे नजरें मिली और तबियत बिगड़ी ,
ऐसी मार पड़ी उस जालिम की तगड़ी ।

पहले सर्दी जुखाम फिर बुखार हो गया,
उस पर सरदर्द से सर चकरा सा गया।

तुरंत लक्षण पहचानकर इलाज शुरू किया,
टेस्ट करवाया तो मुआ करोना निकल गया ।

दवाइयां बेशुमार और काढ़ा बहुत पिया,
खूब पानी के साथ नारियल पानी पिया ।

सादा भोजन और साथ में प्राणायाम किया ,
मन को भी सकारात्मक विचारों से भर लिया।

ना पूछो ! हमने इससे जान छुड़ाने के लिए ,
क्या क्या न किया इसे दफा करने के लिए।

और आखिर भगवान को तरस आ ही गया,
यह मरदूद करोना हमारी जिंदगी से चला गया ।

मगर चौकन्ने हम अब भी रहते है हमेशा,
करोना के नियमो का पालन करते है हमेशा।

हमारे प्यारे दोस्तों ! सुनो हमारा यह पैगाम ।
इस दुश्मन को हिम्मत से मात दे सकते है हम ।

5 Likes · 8 Comments · 629 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all
You may also like:
राम भजन
राम भजन
आर.एस. 'प्रीतम'
#धर्मपर्व-
#धर्मपर्व-
*प्रणय*
देसी घी से टपकते
देसी घी से टपकते
Seema gupta,Alwar
ये दौलत भी लेलो ये सौहरत भी लेलो
ये दौलत भी लेलो ये सौहरत भी लेलो
Ranjeet kumar patre
प्यार और नौकरी दिनो एक जैसी होती हैं,
प्यार और नौकरी दिनो एक जैसी होती हैं,
Kajal Singh
संवेदना
संवेदना
नेताम आर सी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
#पंचैती
#पंचैती
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*** तुम से घर गुलज़ार हुआ ***
*** तुम से घर गुलज़ार हुआ ***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अंजाम...
अंजाम...
TAMANNA BILASPURI
Independence- A mere dream
Independence- A mere dream
Chaahat
तू बेखबर इतना भी ना हो
तू बेखबर इतना भी ना हो
gurudeenverma198
*हिंदी*
*हिंदी*
Dr. Priya Gupta
मैं जब भी लड़ नहीं पाई हूँ इस दुनिया के तोहमत से
मैं जब भी लड़ नहीं पाई हूँ इस दुनिया के तोहमत से
Shweta Soni
मोमबत्ती की रौशनी की तरह,
मोमबत्ती की रौशनी की तरह,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
संवादरहित मित्रों से जुड़ना मुझे भाता नहीं,
संवादरहित मित्रों से जुड़ना मुझे भाता नहीं,
DrLakshman Jha Parimal
हवाओं से कह दो, न तूफ़ान लाएं
हवाओं से कह दो, न तूफ़ान लाएं
Neelofar Khan
*हर पल मौत का डर सताने लगा है*
*हर पल मौत का डर सताने लगा है*
Harminder Kaur
हे ! अम्बुज राज (कविता)
हे ! अम्बुज राज (कविता)
Indu Singh
सत्य शुरू से अंत तक
सत्य शुरू से अंत तक
विजय कुमार अग्रवाल
प्यार भरा इतवार
प्यार भरा इतवार
Manju Singh
देखो ना आया तेरा लाल
देखो ना आया तेरा लाल
Basant Bhagawan Roy
अगर सड़क पर कंकड़ ही कंकड़ हों तो उस पर चला जा सकता है, मगर
अगर सड़क पर कंकड़ ही कंकड़ हों तो उस पर चला जा सकता है, मगर
Lokesh Sharma
*जो अच्छा-भला जिया जीवन, वह भला सीख क्या पाता है (राधेश्यामी
*जो अच्छा-भला जिया जीवन, वह भला सीख क्या पाता है (राधेश्यामी
Ravi Prakash
वो जो आए दुरुस्त आए
वो जो आए दुरुस्त आए
VINOD CHAUHAN
ज़िन्दगानी  में  ऐसा  हाल न हो ।
ज़िन्दगानी में ऐसा हाल न हो ।
Dr fauzia Naseem shad
"दरअसल"
Dr. Kishan tandon kranti
दिल
दिल
Neeraj Agarwal
4446.*पूर्णिका*
4446.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हम यथार्थ सत्य को स्वीकार नहीं कर पाते हैं
हम यथार्थ सत्य को स्वीकार नहीं कर पाते हैं
Sonam Puneet Dubey
Loading...