यह सुरक्षा हमारी हैं
*******यह सुरक्षा हमारी हैं*******
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तर्ज:होठों से छू लो तुम..
हाथों से मत छूना,आई कोरोना बीमारी है
घर में बंद तुम रहना ,यह सुरक्षा हमारी हैं
1
कोरोना ने मेरा छीना,घर से बाहृर जाना
बन्द हो गया मेरा , कहीं पर आना जाना
रंग बीत गए सारे,जब से आई बीमारी है
हाथों से………………………………..
2.
जन से जन को फैले,संक्रमित बीमारी हैं
कोरोना प्रकोप तले,दुनिया सारी हारी हैं
तुम बाहर मत आओ,ये विनती हमारी है
हाथों सज………………………………
3
हर हाल में घर रहना,लॉकडाऊन लागू है
गुणात्मक ढंग से फैले, बीमारी बेकाबू है
घर पे सुरक्षित रहे,कहे सरकार हमारी है
हाथों से………………………………..
4,
सरकारी आदेशों का ,दिल से पालन हो
जनहित में हैं जारी,निर्देश का पालन हो
सौशल डिसटैंस ही,एकमात्र ये दवाई है
हाथों से………………………………
5
जग सारा ठहर गया,जब से छाया साया
जाने यह निगल रहा,भय मौत का छाया
सुखविंद्र मुक्ति वंदन,ये अरदास हमारी है
हाथों से……………………………….
हाथों से मत छूना,आई कोरोना बीमारी है
घर में बंद तुम रहना , यह सुरक्षा हमारी है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी रा़ओ वाली (कैथल)