यह सिर्फ़ वर्दी नहीं, मेरी वो दौलत है जो मैंने अपना खून और पसीना बहा के हासिल की है। This is not just my uniform but my wealth which I have earned by shedding my blood and sweat..!
ख्वाइश बस इतनी सी है,
जब भी मौत आए, ज़िस्म में वर्दी हो,
सितारे अस्मां में नहीं मेरे काँधे में हो,
और
कफ़न तिरंगे का हो। जय हिन्द
“लोहित टम्टा”