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6 Dec 2023 · 1 min read

*यह सही है मूलतः तो, इस धरा पर रोग हैं (गीत)*

यह सही है मूलतः तो, इस धरा पर रोग हैं (गीत)
_________________________
यह सही है मूलतः तो, इस धरा पर रोग हैं
1)
मृत्यु-लोक डरा रहा है, कष्ट की भरमार है
कौन बच पाया मरण से, घोर हाहाकार है
कर रहे रुदन जहॉं भी, देखिएगा लोग हैं
2)
देवतागण स्वर्ग में पर, कब हुए रोगी कभी
छू नहीं पाया बुढ़ापा, वे सदा जैसे अभी
मस्त है जीवन वहॉं पर, कर रहे नित भोग हैं
3)
स्वर्ग से धरती बड़ी यों, मोक्ष इसमें ही मिला
बस मनुज के भाग्य में ही, पुष्प शतदल का खिला
सब मनुष्यों की बही में, कर्म के संयोग हैं
यह सही है मूलतः तो, इस धरा पर रोग हैं
————————————–
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

Language: Hindi
308 Views
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