– यह वक्त भी गुजर जाएगा —
??मेरी कलम से ??
“डर” ,”भय”, “चिन्ता”, “खौफ्फ़”, “दहशत ” डरावने ख्वाब ” और न जाने क्या क्या नही देख सुन रहा आज का इंसान…
मौत का कारण यह सब हीें चीजे हैं, जिन के कारण इंसान अंदर ही अंदर घुट रहा है..और खत्म हो रहा है..क्या पहले कभी किसी को सर्दी, जुकाम, बुखार, दर्द हुआ नही था.? क्या कभी कोई शमशान नही गया था अपने लोगों का अंतिम संस्कार करने के लिए..आज कुछ नया नही हुआ है…अगर कुछ हुआ है, तो डर और दहशत ने अपना स्थान, अपना दायरा बढ़ा दिया है..मौत से क्या डरना…सच कहा है..जिन्दगी जिन्दा दिली का नाम है..मुर्दे क्या ख़ाक जिया करते हैं ..क्यूं दहशत की जिन्दगी जी रहे हो..क्यूं लोगों को ऐसी बाते सुना सुना के मरने पर मजबूर कर रहे हो..जो उप्पर वाले ने लिखा है, वो तो होना ही है, पर कुछ लोग तो उप्पर वाले से भी कहीं ज्यादा आगे बढ़ चढ़ कर आग में घी चढ़ा रहे हैं, लोगों की आहुति देने पर उस को मजबूर कर रहे हैं..
कोरोना जिस का नाम रखा दिया..और उस कोरोना से अस्पताल में गया हर इंसान मर कर आ रहा है. ?? किस लिए…घर पर वो स्वस्थ हो रहा है..? किस लिए..? क्यूंकि यह एक अंतर्राष्ट्रीय षड्यंत्र है..कुछ समय बीत जाने दो सच सब के सामने जरुर आएगा..मास्क, सैनिटाईजर, पी पी टी किट, इंजेक्शन, वेंटीलेटर, आक्सीजन, दवाइयां ..इनका व्यापार और ब्लाक मैलिंग का खेल जग जाहिर है..
भारत देश में दूसरी लहर आयी…किसी दुसरे देश में कितनी आई..भारत देश को उभरता हुआ कोई देश नही देखना चाहता , इस लिए इतनी ज्यादा दहशत फैला दी..ताकि लोग डर से ही मर जाएँ….क्या केवल मास्क ही आप को किसी वायरस से रोक लेगा..अच्छे से अच्छे डाक्टर की सुनोगे तो पता चल जाएगा, कि यह षड्यंत्र है, न की बिमारी..
मेरा इस लेख के माध्यम से आप सब से निवेदन है, कि आप उपरोक्त में लिखी मेरी बातों पर गौर फरमाईये, और अपनी जिन्दगी को जैसे पहले आराम से गुजार रहे थे, बिताईये..खुद आपको अपने अंदर बदलाव नजर आने लगेगा..डर को अपने दिमाग से निकाल कर फेंक दीजिये.मत सोचीये दुनिया में क्या हो रहा है..मत सोचीये कुछ फालतू जिस से आपना दिमाग असंतुलित हो जाए.परमेश्वर पर भरोसा रखो..उस के आगे प्रार्थना करो..कि मैं सकुशल हूँ..मेरा परिवार भी सकुशल है और रहे..किसी के बहकावे में मत आओ, यह दौर भी गुजर जाएगा.. भरोसा रखीये//विश्वाश कायम रखीये //
अजीत कुमार तलवार
मेरठ