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16 Aug 2021 · 1 min read

यह राह अकेली है

इस राह पर
भीड़भाड़ है पर
यह अकेली है
कोई इसके वास्ते
एक पल के लिए भी
रुकता नहीं
अपना कोई काम छोड़ता नहीं
इसका हालचाल पूछता नहीं
इसको अपनाता नहीं
कभी घर अपने बुलाता नहीं
बस मतलब साधकर
सब चलते बनते हैं
अपनी अपनी राह
अपने पैरों तले सब
रौंदते हैं इसे
कोई इसे अपने हाथों में
उठाकर
गले से तो लगाता नहीं
न इसके आंसू कोई पोंछता
न ही यह कभी मुस्कुराये
यह प्रयत्न ही कोई करता
इसके चरित्र पर कीचड़
अवश्य ही सब उछालते हैं
धूल के परतों से इसे पाट
देते हैं
कोई सफाई अभियान चलाकर
इसे साफ करने का भी
यह लोग कभी
समय निकालते नहीं
इस राह का कोई महत्व नहीं है
यह सब राहगीरों को उनकी
मंजिल तक पहुंचाने में उनकी
मदद करती है
यह न हो तो कोई
एक कदम भी
अपने जीवन में आगे बढ़ न
पाये लेकिन
यह है धरती मां
एक ईश्वर का ही
दूसरा और अनोखा रूप
कोई इसे मान्यता दे या ना दे
यह तो सबका कल्याण करती है
सबके पैर छूकर
उन्हें उनकी मंजिल तक
सही सलामत
पहुंचने का आशीष देती है।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
1 Like · 269 Views
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