यह यादें
यह यादें भी अपनी
मनमानियों से बाज नही आती है
निकाल दो अपने जहन से
फिर भी चली आती है
कितनी बार कहा मैने
अपनी मनमानियाँ बंद करो
पर यह है जो मेरी हर बात
अनसुनी कर जाती है।
~अनामिका
यह यादें भी अपनी
मनमानियों से बाज नही आती है
निकाल दो अपने जहन से
फिर भी चली आती है
कितनी बार कहा मैने
अपनी मनमानियाँ बंद करो
पर यह है जो मेरी हर बात
अनसुनी कर जाती है।
~अनामिका