यह भेदभाव क्यों ?
हमारे महान और पवित्र तीर्थ स्थलों में ,आम तौर पर कुछ लोफर टाइप लड़के और लड़कियां इश्कबाजी या छेड़छाड़ करने जाते हैं,और कुछ के लिए यह जगह मात्र पिकनिक स्पॉट होती है ,गए मौज मस्ती की और गंदगी करके आ गए ,
इनके ऐसे कुकृत्यों से धार्मिक तीर्थ स्थलों की पवित्रता पर आंच नहीं। आती ,मगर एक मासूम बेजुबान ,पवित्र आत्मा जानवर
वहां चला गया और अपने मालिक के साथ सारे धार्मिक क्रिया कलापों में शांति और सहजता से हिस्सा लिया ,
उससे यह धार्मिक तीर्थ स्थल अपवित्र हो गया !
और वैसे भी क्या वहां पर आवारा पशु घूमते नहीं रहते ,
” नवाब” वहां चला गया तो कौन सी प्रलय आ गई ।
अरे भले इंसानों ! अपना दिल और दिमाग साफ और खुला रखो और यह स्वीकार करो की ईश्वर की नजर में पशु ,जीव जंतु या इंसान सब बराबर है सब उसकी संताने हैं।फिर यह भेदभाव क्यों ?