यह प्यार नहीं घनचक्कर है
यह कैसा प्यार है ?
जो जान लेकर ही
जुबां पे सिर्फ
याद रखती हैं !
लैला-मजनूँ की हत्या
हीर-राँझा की मौत
सोहनी-महीवाल भी
मिले नहीं !
यह प्यार नहीं,
घनचक्कर है !
यह कैसा प्यार है ?
जो जान लेकर ही
जुबां पे सिर्फ
याद रखती हैं !
लैला-मजनूँ की हत्या
हीर-राँझा की मौत
सोहनी-महीवाल भी
मिले नहीं !
यह प्यार नहीं,
घनचक्कर है !