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26 May 2023 · 1 min read

यह दुनिया चाहती थी

यह दुनिया चाहती थी
मैं तुम्हारी दी हुई
चिट्ठियों को रख दूँ
किसी अजायबघर में,

उसके बाद यह दुनिया
उस अजायबघर में जाएँ
और उन चिट्ठियों को पढ़कर
प्रेम का उपहास उड़ाएँ;

उनमें कुछ ऐसी प्रतिज्ञाएँ भी थी
जिनको तोड़कर तुम जा चुकी हो
मैं नही चाहता हूँ
प्रेम पर कोई आँच आयें,

दुनिया ने मुझे
कुछ ओर भी सलाह दी
किन्तु, मैंने माचिस की तीली निकाली
और सारी चिट्ठीयाँ जला दी।

Language: Hindi
2 Comments · 218 Views
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