यह दिल
दिल मे फूल की तरह महकता है वह
जहन मे काँटो की तरह चूभता है
आशिक था वह मेरा पुराना
वफा कर नही सका था
भुल गई थी मै उसे बहुत पहले
पर यह कमबख्त दिल ने न उसे भुलाया
न जाने क्यो यह उसके प्यार मे है
इतना पगलाया है
जो उसे आज भी याद करता है
आज भी न जाने क्यो उससे
वफा का उम्मीद लिए यह दिल
उसके इंतजार मै बैठा है।
~अनामिका