!! यह तो सर गद्दारी है !!
पग-पग पर रिश्वतखोरी है,यह हक़ उनको सरकारी है
सिंगल ड्यूटी, डबल कमाई–यह तो सर गद्दारी है ——
तरह तरह की लूट मची है, माल सभी सरकारी है
चोरी, हत्या, लूट, डकैती, मर्डर वर्डर सब जारी है
————————– यह तो सर गद्दारी है ——
गली गली में दहशत है, दहशत में जनता सारी है
सिस्टम पर कन्ट्रोल नहीं या सिस्टम की लाचारी है
————————– यह तो सर गद्दारी है ——
चौकी-चौकी,थाने,आफिस हर पद पर व्यभिचारी हैं
अपराध रुकेगा यूं कैसे,अफसर जब चोर चिकारी हैं
————————– यह तो सर गद्दारी है ——
शहर शहर और गांव नगर में फैली यही बीमारी है
कलम-घूस जुगलबंदी के, हर हिस्से में दरबारी हैं
————————– यह तो सर गद्दारी है ——
हे,भीम,जवाहर, गांधी जी यह तुमसे अरज़ हमारी है
कानून तुम्हारा बेबस क्यों उत्पीड़न अब तक जारी है
————————— यह तो सर गद्दारी है ——
सड़सठ प्रतिशत निर्दोष ज़ेल में,लोकतंत्र पर गारी है
निर्णायक अब वह मालिक है,और रक्षक मदन मुरारी है
————————— यह तो सर गद्दारी है ——
•••• कलमकार ••••
चुन्नू लाल गुप्ता – मऊ (उ.प्र.)