यह तो वक्ती हस्ती है।
यह तो वक्ती हस्ती है तुम्हारी बुलंदी पर।
वापस आकर गिरोगे फिर से तुम इस जमीं पर।।1।।
तुम्हारे अमाल नही है अच्छे जिन्दगी में।
यूं खुशी ना मिलेगी तुमको किसी भी हंसी पर।।2।।
कब तक गुनाह करके बचते रहोगे तुम।
हमेशा खुदा की नज़र रहती है हर जिंदगी पर।।3।।
तड़पोगे एक दिन तुम ये बद्दुआ है मेरी।
आज जितना चाहो खुश हो लो इस खुशी पर।।4।।
हमनें तेरी वफा में खुद को मिटा दिया।
बहुत रंज होता है हम को यूं अपनी बीती पर।।5।।
गर पास मां है हर दुआ मुकम्मल होगी।
पर किस्मत कहां मेहरबां होती हर किसी पर।।6।।
हम ही गलत थे जो सभी को रुलाया।
अब जमाना हंस रहा है मेरी बद किस्मती पर।।7।।
फिर बच्चे भूखे सो गए मेरे इंतजार में।
आज जिन्दगी रो पड़ी है मेरी मुफलिसी पर।।8।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ