यह तुम्हारी गलत सोच है
(शेर)- बिल्कुल गलत बात है यह कि आज बहकी बातें कर रहा हूँ मैं।
सच तो यह है कि कल भी सच कहा था, आज भी सच कह रहा हूँ मैं।।
——————————————————-
यह तुम्हारी गलत सोच है, कि मेरे कदम बहक गये हैं।
नहीं किसी को मुझपे यकीन, कि शौक मेरे बदल गये हैं।।
यह तुम्हारी गलत सोच है——————–।।
मानता हूँ आज मैं, कुछ ज्यादा ही नशे में हूँ।
लेकिन शक है तुम्हारा, कि दोस्त मेरे बदल गये हैं।।
यह तुम्हारी गलत सोच है——————-।।
तुम ही वो पहले इंसान हो, जिससे जुड़ा हूँ मैं दिल से।
प्यार करते तो कहते नहीं तुम, कि औकात भूल गये हैं।।
यह तुम्हारी गलत सोच है——————।।
तुम ही बताओ कब मैंने, साथ तुम्हारा दिया नहीं है।
कहते हो मुझको करके बर्बाद, पाप हमसे हो गये हैं।।
यह तुम्हारी गलत सोच है——————–।।
अब तो मैं यह कह रहा हूँ, जा रहा हूँ बहुत दूर तुमसे।
तुमने जब यह कह ही दिया है, कि बेवफा हम हो गये हैं।।
यह तुम्हारी गलत सोच है———————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)