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16 Apr 2022 · 1 min read

यह जग खुश हो तो

यह जग
खुश हो तो
मैं भी सीख लूं
उसके साथ खुश होना तो
बेहतर है
जीवन अकेले नहीं
सबको साथ लेकर ही
कटता है
यह हुनर मैं सीख लूं
छोटी छोटी बातों पर
मुस्कुराना नहीं सीखा तो
जिंदगी रोते रोते ही कट जायेगी
एक लंबी रात होगी
एक मुरझाये चांद सी
एक उगती हुई सुनहरी धूप की रंगत
बिखेरती सुबह मेरे दरवाजे पर
कभी दस्तक देने न आयेगी।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
139 Views
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