यह चमत्कार दिखलाओ
(हिन्दी पखवाड़े में हिंदी पर रचनायें )
छंद- कुकुभ (16//14 अर्द्ध सममात्रिक)
विधान- (अंत 2 गुरुओं से अनिवार्य-112 या 211 नहीं)
पदांत- नया दिखलाओ
समांत- आर
हे मात शारदे हिंदी का, संसार नया दिखलाओ.
अब जन-जन का यह ध्येय बने, आधार नया दिखलाओ.
हे देववाणी तुमसे है कितना, ज्ञान मिला हम सब को,
तुम भाषाओं की जननी हो. आसार नया दिखलाओ.
यूँ भाषाओं में इक दूजे का, है सम्मान बहुत पर,
हो खत्म भेद भाषाओं का, विस्तार नया दिखलाओ.
कथ्य, शिल्प, रस, अलंकार सब, छंदों में शोभित हों,
बस हिंदी में सब काव्य रचें, शृंगार नया दिखलाओ.
अब कर्म, धर्म, हर हिंदी हो, हिंदी में संस्कारित हों,
अब बने राष्ट्र भाषा हिंदी, यह चमत्कार दिखलाओ