Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2020 · 1 min read

” यह घूँघट , नटखट , हठी पिया ” !!

यह घूंघट , नटखट , हठी पिया !!

मन भावे ना , पर करे चुहल ,
नज़रों को बांधे है प्रतिपल !
मैं छुई मुई बनकर बैठूं ,
जब तुमने दामन थाम लिया !!

तिरछी नज़रों की बैचेनी ,
पर फैलाये , करे अनसुनी !
जब चंचल मन होता बागी ,
कैसे उस पल को जिए हिया !!

चेहरे के भाव पढ़े कोई ,
घूंघट की सीध तके कोई !
फिर चाहे पहरे बैठाना ,
अधरों को मैंने तभी सिया !!

दुनिया ठहरी ठहरी लगती ,
घूंघट ऊपर प्रहरी लगती !
जीने दो हमको भी खुलकर ,
जब पल पल तेरे नाम जिया !!

स्वरचित / रचियता :
बृज व्यास
शाजापुर ( मध्यप्रदेश )

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 343 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*मीठे बोल*
*मीठे बोल*
Poonam Matia
बिन फले तो
बिन फले तो
surenderpal vaidya
ग़़ज़ल
ग़़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
2515.पूर्णिका
2515.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
शायरी 1
शायरी 1
SURYA PRAKASH SHARMA
सबके दामन दाग है, कौन यहाँ बेदाग ?
सबके दामन दाग है, कौन यहाँ बेदाग ?
डॉ.सीमा अग्रवाल
मिलना तो होगा नही अब ताउम्र
मिलना तो होगा नही अब ताउम्र
Dr Manju Saini
सुकुमारी जो है जनकदुलारी है
सुकुमारी जो है जनकदुलारी है
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
दोहे तरुण के।
दोहे तरुण के।
Pankaj sharma Tarun
देश से दौलत व शुहरत देश से हर शान है।
देश से दौलत व शुहरत देश से हर शान है।
सत्य कुमार प्रेमी
कुछ लिखा हैं तुम्हारे लिए, तुम सुन पाओगी क्या
कुछ लिखा हैं तुम्हारे लिए, तुम सुन पाओगी क्या
Writer_ermkumar
गुलों पर छा गई है फिर नई रंगत
गुलों पर छा गई है फिर नई रंगत "कश्यप"।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
सफलता का एक ही राज ईमानदारी, मेहनत और करो प्रयास
सफलता का एक ही राज ईमानदारी, मेहनत और करो प्रयास
Ashish shukla
हर इंसान वो रिश्ता खोता ही है,
हर इंसान वो रिश्ता खोता ही है,
Rekha khichi
कोई चाहे तो पता पाए, मेरे दिल का भी
कोई चाहे तो पता पाए, मेरे दिल का भी
Shweta Soni
ख्वाबों से परहेज़ है मेरा
ख्वाबों से परहेज़ है मेरा "वास्तविकता रूह को सुकून देती है"
Rahul Singh
दुनिया की कोई दौलत
दुनिया की कोई दौलत
Dr fauzia Naseem shad
प्यार करता हूं और निभाना चाहता हूं
प्यार करता हूं और निभाना चाहता हूं
Er. Sanjay Shrivastava
आखिर मैंने भी कवि बनने की ठानी
आखिर मैंने भी कवि बनने की ठानी
Dr MusafiR BaithA
रक्तदान
रक्तदान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"सूदखोरी"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरी तू  रूह  में  बसती  है
मेरी तू रूह में बसती है
डॉ. दीपक मेवाती
भिंडी ने रपट लिखाई (बाल कविता )
भिंडी ने रपट लिखाई (बाल कविता )
Ravi Prakash
आप मेरे सरताज़ नहीं हैं
आप मेरे सरताज़ नहीं हैं
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
नर्क स्वर्ग
नर्क स्वर्ग
Bodhisatva kastooriya
आज की तारीख़ में
आज की तारीख़ में
*Author प्रणय प्रभात*
हम तो यही बात कहेंगे
हम तो यही बात कहेंगे
gurudeenverma198
हँसकर जीना दस्तूर है ज़िंदगी का;
हँसकर जीना दस्तूर है ज़िंदगी का;
पूर्वार्थ
बहुत उम्मीदें थीं अपनी, मेरा कोई साथ दे देगा !
बहुत उम्मीदें थीं अपनी, मेरा कोई साथ दे देगा !
DrLakshman Jha Parimal
जिंदगी, क्या है?
जिंदगी, क्या है?
bhandari lokesh
Loading...