यह गोकुल की गलियां,
यह गोकुल की गलियां,
जहाँ कृष्ण के नटखट खेल होते हैं।
वहाँ गोपियाँ चरम भक्ति से जल होती हैं।
गोकुल में गोपाल,
माखन चोरी करते राधिका के नाम पे।
नंदगोप जी के यशोदा जी का गुरुकुल यहाँ है,
बच्चों के आतंक की खबर उन्हें होती रातों में।
धूप के साये में खेलते हैं बांसुरी धुन,
गाते हैं गोपाल कृष्ण की माखन मोहन।
बंसी गान में खो जाते हैं सब,
आत्मा की शांति में शांत हो जाते हैं सब।
माखन चोरी करते हैं चोरी मक्खन,
गोपाल की अदालत में सबको भला ठहराते हैं।
रासलीला में जाते हैं राधा के संग,
भगवान कृष्ण का रंग जग में ओर बिखराते हैं।
हरि नाम का जाप करते हैं, केवल हरि ही सुनते हैं।
गोपियाँ हरिंग की तरह भक्ति के पथ पर चलते हैं।
जग में गोपाल के द्वारे निर्मित हैं ये गलियां,
गोकुल की गलियां जहाँ भगवान कृष्ण का वास होता हैं।
कार्तिक नितिन शर्मा