यह कैसी दौड़ है जिदंगी
यह कैसी है दौड़ जिदंगी .
यह कैसी है रुप जिदंगी .
कभी धुप है जिदंगी .
तो कभी छाव है जिदंगी
कभी ऑंखों कि ऑंसु है जिदंगी.
कभी होठो कि मुस्कुराहट है जिदंगी.
कभी खफा है जिदंगी.
तो कभी वफा है जिदंगी.
ना जाने कितनो को रूलाएगी यह जिदंगी.
ना जाने कितनो को हंसाऐगी यह जिदंगी.
ना जाने कब एक पेहलु दिखाएगी जिदंगी.
तड़पन है जिदंगी .
एक अनोखा र्दपण है जिदंगी
सच्चाई का सवरूप है जिदंगी.
उतार चढ़ाव का रूप है जिदंगी.
कभी खुशीयों का आगन है जिदंगी .
कभी गम के बादल हैं जिदंगी.
यह कैसी दौड़ है जिदंगी.