यह कैसा प्यार
बरसो गुजरे तुम मिली थी
ना ही कोई मुलाकात हुई
क्यों लगती हो फिर भी
तुम मुझे हमारी अपनी
हर पल , हर वक्त खयाल तेरा
पाने के चाहत ,ना ही मिली राहत
उस दिन तुम नजर आयी थी
पलभर के लिए बस न कोई बात हुई
तुम तो हो अजबसी उलझन
क्यों याद आती हो हरदम
तुमतो बानी पराई, मेरेलिए बेगानी
यह तो दीवानापन, यह कैसा प्यार तेरा ?