यह कैसा इंसाफ
जो भी मिले सबूत वो,…उनके गये खिलाफ !
फिर भी वो मुजरिम नही, यह कैसा इंसाफ !!
लगे जहाँ कानून ही,..खडा मूक असहाय !
वहाँ ढूंढते लोग फिर,अपना अलग उपाय !!
रमेश शर्मा.
जो भी मिले सबूत वो,…उनके गये खिलाफ !
फिर भी वो मुजरिम नही, यह कैसा इंसाफ !!
लगे जहाँ कानून ही,..खडा मूक असहाय !
वहाँ ढूंढते लोग फिर,अपना अलग उपाय !!
रमेश शर्मा.