Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2024 · 1 min read

यह अपना धर्म हम, कभी नहीं भूलें

वसुधैव कुटुम्बकम की, यह परम्परा।
यह अपना धर्म हम, कभी नहीं भूलें।।
जीने दें सबको जैसे, हम जीते हैं।
इस भावना को हम, कभी नहीं भूलें।।
वसुधैव कुटुम्बकम की———————-।।

सपनें हो साकार, सबके यहाँ पर।
पैदा हुए हैं, हम सभी यहाँ पर।।
आबाद खुशियाँ, यहाँ सबकी रहे।
सन्देश मानवता का, हम नहीं भूलें।।
वसुधैव कुटुम्बकम की——————–।।

लक्ष्य हम सभी का, कुछ ऐसा हो।
नफरत, अहम, जिसमें कुछ नहीं हो।।
चलना पड़े चाहे, काँटों पर भी।
सच्चाई और ईमान, हम नहीं भूलें।।
वसुधैव कुटुम्बकम की———————।।

ऋषियों- वीरों की जननी, यह जमीं।
फूले और फले है, यहाँ मजहब सभी।।
सर्वभूतेषु आत्मा: की यह तालीम।
जिंदगी में हम, कभी नहीं भूलें।।
वसुधैव कुटुम्बकम की——————–।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
99 Views

You may also like these posts

मिलेगा सम्मान
मिलेगा सम्मान
Seema gupta,Alwar
2600.पूर्णिका
2600.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कांच के जैसे टूट जाते हैं रिश्ते,
कांच के जैसे टूट जाते हैं रिश्ते,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हर एक तगमा झूठा है
हर एक तगमा झूठा है
Maroof aalam
ड़ माने कुछ नहीं
ड़ माने कुछ नहीं
Satish Srijan
पछतावे की अग्नि
पछतावे की अग्नि
Neelam Sharma
श्याम लिख दूं
श्याम लिख दूं
Mamta Rani
शिव रात्रि
शिव रात्रि
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
शीर्षक: पापी मन
शीर्षक: पापी मन
Harminder Kaur
*
*"अवध के राम आये हैं"*
Shashi kala vyas
कुछ खयाल हैं जो,
कुछ खयाल हैं जो,
Manisha Wandhare
अंतर
अंतर
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
मुफ्त राशन के नाम पर गरीबी छिपा रहे
मुफ्त राशन के नाम पर गरीबी छिपा रहे
VINOD CHAUHAN
"ज़हन के पास हो कर भी जो दिल से दूर होते हैं।
*प्रणय*
किसी ने कहा, पीड़ा को स्पर्श करना बंद कर पीड़ा कम जायेगी।
किसी ने कहा, पीड़ा को स्पर्श करना बंद कर पीड़ा कम जायेगी।
Manisha Manjari
"खुदगर्ज"
Dr. Kishan tandon kranti
10/20 कम हैं क्या
10/20 कम हैं क्या
©️ दामिनी नारायण सिंह
प्रेम
प्रेम
Dinesh Kumar Gangwar
संघर्ष भी एक खुशी है
संघर्ष भी एक खुशी है
gurudeenverma198
यूं तो रिश्तों का अंबार लगा हुआ है ,
यूं तो रिश्तों का अंबार लगा हुआ है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
तेरे होने का सबूत
तेरे होने का सबूत
Minal Aggarwal
*मेरी वसीयत*
*मेरी वसीयत*
ABHA PANDEY
आँचल की छाँह🙏
आँचल की छाँह🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
घनाक्षरी छंदों के नाम , विधान ,सउदाहरण
घनाक्षरी छंदों के नाम , विधान ,सउदाहरण
Subhash Singhai
“मेरी किताब “पुष्प -सार” और मेरी दो बातें”
“मेरी किताब “पुष्प -सार” और मेरी दो बातें”
DrLakshman Jha Parimal
कब आयेंगे दिन
कब आयेंगे दिन
Sudhir srivastava
धरती के भगवान
धरती के भगवान
Shekhar Chandra Mitra
धुंध कुछ इस तरह छाई है
धुंध कुछ इस तरह छाई है
Padmaja Raghav Science
द्रौपदी ही अब हरेगी द्रौपदी के उर की पीड़ा
द्रौपदी ही अब हरेगी द्रौपदी के उर की पीड़ा
श्रीकृष्ण शुक्ल
इंसानियत का वुजूद
इंसानियत का वुजूद
Shyam Sundar Subramanian
Loading...