यहॉ – वहॉ , जहॉ- तहॉ सब ही जगह वह: जितेनà¥à¤¦à¥à¤° कमल आनंद ( पोसà¥à¤Ÿà¥¯à¥¨)
घनाकà¥à¤·à¤°à¥€ ( पोसà¥à¤Ÿ ९२)
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यहॉ वहॉ , जहॉ तहॉ , सब ही जगह वह ,
अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤¯à¤¾à¤®à¥€ अंतस में वह विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ है ।
कà¤à¥€ टूटने न पाये विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ उसके पà¥à¤°à¤¤à¤¿ ,
वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ सरà¥à¤µà¤¤à¥à¤° परम बà¥à¤°à¤¹à¥à¤® शकà¥à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ है ।
परम à¤à¤¶à¥à¤µà¤°à¥à¤¯ दाता , विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ ,सदà¥à¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨ दाता ,
वह संरकà¥à¤·à¤• और करà¥à¤£à¤¾ निधान| है ।
देखता , वह सà¥à¤¨à¤¤à¤¾ है , जान रहा आपको ,
सà¤à¥€ के लिठबना वह पà¥à¤°à¤à¥ समà¥à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤£ है ।।
—– जितेंदà¥à¤°à¤•à¤®à¤² आनंद