यही है वो संवेदना है
ये धूप छांव कायाम नही
संवेदनाये कोई आम नही
जीवन का हर एक पहलू है
उम्मीद किरण की
आग है वो
दिल करता है वो ही सही
दिल भरता है वो ही सही
सुख दुख का कोई प्रमाण नही
कर्मो में ही वो लीन सही
ना दुख का कोई भाव नही
ना सुख का कोई ख्वाब नही
यहीं है वो वेदना है
यही है वो संवेदना है ।।
पग पग में जो चल रहा , ये दुनिया जो सीखा रही
जो कुछ भी है वो आज सही
जो कुछ नही वो कल सही
यहीं है वो वेदना है
यही है वो संवेदना है ।।