Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2023 · 1 min read

यही मेरा निष्कर्ष!

स्वपन तो थे बहुत
किंतु कोई पूर्ण न हुआ
लक्ष्य तो था जीवन का
किन्तु सम्पूर्ण न हुआ।

कदाचित स्वपनों में थी आवश्यकता
असत्य की अनैतिकता की
लक्ष्य में स्थापित करना था स्थान
आडम्बर का चरित्र-हीनता की।

उद्देश्य और संस्कार का नहीं साथ
देता ये आभास आज का जीवन-दर्शन
संस्कार स्वाहा कर ही उद्देश्य प्राप्ति
स्पष्ट करता ये आज का मनुष्य जीवन।

हूँ मैं स्वयं से असहाय
संस्कार तोड़ नहीं सकती
उद्देश्य प्राप्ति के लिए
चरित्र छोड़ नहीं सकती।

हाँ मैं चाहती अपना लक्ष्य
अपने जीवन का हर्ष
हाँ मैं चाहती
जीवन का उत्कर्ष ।

लेकिन ये मेरा अटल, अडिग सत्य
स्वयं को नहीं कर सकती असत्य।

यही था और यही है मेरा निष्कर्ष
यही मेरी आत्मा यही मेरा दर्श
यही सम्पूर्ण मेरा यही मेरा निष्कर्ष!

प्रिया प्रिंसेस पवाँर
Priya princess panwar
स्वरचित,मौलिक

2 Likes · 87 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कृष्ण चतुर्थी भाद्रपद, है गणेशावतार
कृष्ण चतुर्थी भाद्रपद, है गणेशावतार
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अजीब सी बेताबी है
अजीब सी बेताबी है
शेखर सिंह
Orange 🍊 cat
Orange 🍊 cat
Otteri Selvakumar
वीर वैभव श्रृंगार हिमालय🏔️⛰️🏞️🌅
वीर वैभव श्रृंगार हिमालय🏔️⛰️🏞️🌅
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अंतिम क्षणों का संदेश
अंतिम क्षणों का संदेश
पूर्वार्थ
दोस्ती का तराना
दोस्ती का तराना
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
छठ परब।
छठ परब।
Acharya Rama Nand Mandal
हमको तू ऐसे नहीं भूला, बसकर तू परदेश में
हमको तू ऐसे नहीं भूला, बसकर तू परदेश में
gurudeenverma198
अपनों की महफिल
अपनों की महफिल
Ritu Asooja
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
धड़कन की तरह
धड़कन की तरह
Surinder blackpen
कर ले प्यार हरि से
कर ले प्यार हरि से
Satish Srijan
गूँज उठा सर्व ब्रह्माण्ड में वंदेमातरम का नारा।
गूँज उठा सर्व ब्रह्माण्ड में वंदेमातरम का नारा।
Neelam Sharma
हक औरों का मारकर, बने हुए जो सेठ।
हक औरों का मारकर, बने हुए जो सेठ।
डॉ.सीमा अग्रवाल
खुद के होते हुए भी
खुद के होते हुए भी
Dr fauzia Naseem shad
!! परदे हया के !!
!! परदे हया के !!
Chunnu Lal Gupta
विश्व पर्यावरण दिवस
विश्व पर्यावरण दिवस
Ram Krishan Rastogi
लोगो को उनको बाते ज्यादा अच्छी लगती है जो लोग उनके मन और रुच
लोगो को उनको बाते ज्यादा अच्छी लगती है जो लोग उनके मन और रुच
Rj Anand Prajapati
*जिनके मन में माँ बसी , उनमें बसते राम (कुंडलिया)*
*जिनके मन में माँ बसी , उनमें बसते राम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मैं तो महज बुनियाद हूँ
मैं तो महज बुनियाद हूँ
VINOD CHAUHAN
*माँ शारदे वन्दना
*माँ शारदे वन्दना
संजय कुमार संजू
"प्रेमी हूँ मैं"
Dr. Kishan tandon kranti
■आज का #दोहा।।
■आज का #दोहा।।
*प्रणय प्रभात*
हजारों मील चल करके मैं अपना घर पाया।
हजारों मील चल करके मैं अपना घर पाया।
Sanjay ' शून्य'
दोस्तों
दोस्तों
Sunil Maheshwari
अनसोई कविता............
अनसोई कविता............
sushil sarna
छोटी छोटी चीजें देख कर
छोटी छोटी चीजें देख कर
Dheerja Sharma
बदलता चेहरा
बदलता चेहरा
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
सुविचार
सुविचार
Sarika Dhupar
Forever
Forever
Vedha Singh
Loading...